हमारा आंगन, हमारे बच्चे कार्यक्रम : अनूपशहर में हुआ भव्य आयोजन

निपुण लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

अनूपशहर के बाल निकेतन विद्यालय में हमारा आंगन हमारे बच्चे उत्सव का भव्य आयोजन किया गया।

हमारा आंगन, हमारे बच्चे” कार्यक्रम निपुण भारत मिशन के उद्देश्यों की पूर्ति एवं प्रारंभिक शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह कार्यक्रम बेसिक शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त प्रयास से संचालित किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को रोचक, समावेशी और प्रभावी बनाना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों और प्राथमिक विद्यालयों के बीच समन्वय स्थापित किया जाता है ताकि बच्चों के संपूर्ण मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

इस पहल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि 3 से 8 वर्ष की उम्र के बच्चे पूर्व-प्राथमिक शिक्षा के मूलभूत कौशल को सीख सकें, जिससे वे आगे की स्कूली शिक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हो सकें। इसके अलावा, इस कार्यक्रम के तहत अभिभावकों को भी जागरूक किया जाता है, ताकि वे बच्चों की शिक्षा और समग्र विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकें। शिक्षा को खेल-खेल में सिखाने की पद्धति, नवाचार, और बाल मनोविज्ञान के अनुसार गतिविधियों को लागू करके बच्चों को सीखने के प्रति प्रेरित किया जाता है।

हमारा उत्सव, हमारे आंगन: बाल वाटिका से निपुणता की ओर

हमारा आंगन, हमारे बच्चे” कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों में प्रारंभिक भाषा एवं गणितीय दक्षता (Foundational Literacy & Numeracy – FLN) को विकसित करना है, जिससे वे न केवल पढ़ने-लिखने और गणना करने में सक्षम बनें बल्कि आत्मविश्वास और रचनात्मकता के साथ सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी भी कर सकें। इस पहल के माध्यम से बच्चों के पहले 8 वर्षों के विकास को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रोत्साहित किया जाता है, क्योंकि यह अवधि उनके मस्तिष्क विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है।

इसके अलावा, यह कार्यक्रम केवल शिक्षण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक, नैतिक और सामाजिक मूल्यों को भी बच्चों में विकसित करने पर जोर देता है। विभिन्न खेल, गतिविधियाँ, कहानी कहने की कला, संगीत, चित्रकला, नाट्य प्रस्तुतियों और समूह वार्तालाप के माध्यम से बच्चों को समग्र शिक्षा दी जाती है। इस कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, अभिभावकों और समाज के अन्य सदस्यों को भी बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए प्रेरित किया जाता है।

कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ

हमारा आंगन, हमारे बच्चे” कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इस विशेष आयोजन का शुभारंभ खंड शिक्षा अधिकारी श्री दीपक कुमार, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष श्री सुशील कुमार शर्मा, जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष श्री जयप्रकाश सिंह एवं श्री भूपेंद्र सिंह राघव द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस शुभ अवसर पर शिक्षा के प्रति समर्पण, बच्चों के समग्र विकास और प्रारंभिक शिक्षा को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता को दोहराया गया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ एवं माँ सरस्वती वंदना

इस भव्य आयोजन के शुभारंभ पर विकास क्षेत्र अनूपशहर के बच्चों द्वारा एक शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसने पूरे वातावरण को उल्लास से भर दिया। इस क्रम में सर्वप्रथम माँ सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की गई, जिसमें विद्यार्थियों ने अपने सुमधुर स्वरों से विद्या, बुद्धि और ज्ञान की देवी का आह्वान किया। इस प्रस्तुति ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया और कार्यक्रम को एक पावन आरंभ दिया।

इसके पश्चात स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया, जिसने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का हार्दिक अभिनंदन किया। इस गीत ने कार्यक्रम में उत्साह और ऊर्जा का संचार किया तथा सभी आगंतुकों को आत्मीयता का अनुभव कराया।

इस अवसर पर विभिन्न समूहों ने निपुण भारत मिशन को ध्यान में रखते हुए प्रेरणादायक प्रस्तुतियाँ दीं। विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से यह संकल्प लिया कि अनूपशहर ब्लॉक शिक्षा, संस्कृति और विकास के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुए। सभी ने मिलकर यह दृढ़ निश्चय किया कि अनूपशहर ब्लॉक प्रदेश में ‘निपुण ब्लॉक’ बनने की दिशा में अग्रणी स्थान प्राप्त करे और संपूर्ण उत्तर प्रदेश में इसका नाम रोशन हो।

कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों, शिक्षकों, आंगनबाड़ी , अभिभावकों ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपना पूरा योगदान देने का संकल्प लिया।

इस तरह, पूरे कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य न केवल अभिभावकों को पूर्व-प्राथमिक एवं बुनियादी शिक्षा की भूमिका से परिचित कराना था, बल्कि सभी को इस महान अभियान का हिस्सा बनाकर “निपुण भारत मिशन” के अंतर्गत अनूपशहर ब्लॉक को प्रदेश में प्रथम स्थान पर लाने के लिए प्रेरित करना था।

खंड शिक्षा अधिकारी श्री दीपक कुमार का प्रेरणादायक उद्बोधन

खंड शिक्षा अधिकारी श्री दीपक कुमार ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में निपुण भारत मिशन, माता उन्मुखीकरण, बाल मेला, पूर्व-प्राथमिक शिक्षा और शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व-प्राथमिक शिक्षा बच्चों के समग्र विकास की नींव है। यह केवल अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके मानसिक, सामाजिक और शारीरिक विकास के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। इस स्तर पर बच्चों में भाषा कौशल, संख्यात्मक समझ, सामाजिक कौशल और रचनात्मकता विकसित की जाती है, जिससे वे आगे की शिक्षा के लिए बेहतर रूप से तैयार हो सकें।

उन्होंने “निपुण भारत मिशन” की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस मिशन का उद्देश्य कक्षा 3 तक के सभी बच्चों को बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान में निपुण बनाना है। इसके अंतर्गत बच्चों को समझ के साथ पढ़ने, लिखने और गणना करने में सक्षम बनाना मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने शिक्षकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयो से अनुरोध किया कि वे इस मिशन को सफल बनाने के लिए अपना पूरा योगदान दें और हर बच्चे को शिक्षित और सशक्त बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।

इसके साथ ही उन्होंने माता उन्मुखीकरण बैठकों के महत्व को बताया और कहा कि माता की भूमिका बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा में बहुत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने शिक्षकों को यह निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से माता उन्मुखीकरण बैठकें आयोजित करें, ताकि अभिभावक अपने बच्चों के शैक्षिक विकास में सक्रिय रूप से भाग ले सकें। उन्होंने बताया कि जब अभिभावक जागरूक होंगे और शिक्षा के महत्व को समझेंगे, तभी वे अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिए प्रयासरत रहेंगे।

निपुण लक्ष्य ऐप की उपयोगिता पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस ऐप के माध्यम से बच्चों की नियमित रूप से मूल्यांकन किया जा सकता है और उनके सीखने के स्तर की सही जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा, शिक्षकों को यह निर्देश दिया कि वे बच्चों को नियमित रूप से गृहकार्य दें, ताकि वे जो कुछ स्कूल में सीखते हैं, उसे घर पर भी दोहरा सकें और उनकी समझ मजबूत हो सके।

उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास (holistic development) को बढ़ावा देने के लिए खेल-आधारित शिक्षा (Play-Based Learning) को बढ़ावा देता है, जिससे बच्चे सहजता से सीख सकें। इसके तहत बच्चों को कहानी सुनाने, संगीत, कला, नृत्य और नाट्य के माध्यम से शिक्षण प्रदान किया जाता है, जिससे उनकी सृजनात्मकता (creativity) और संचार कौशल (communication skills) विकसित होते हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विस्तृत जानकारी

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) की प्रमुख विशेषताओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि यह नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए बनाई गई है। इसमें 5+3+3+4 की नई शिक्षा संरचना को अपनाया गया है, जिसमें प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) को विशेष महत्व दिया गया है

उन्होंने बताया कि NEP 2020 के तहत बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान (FLN) को प्राथमिकता दी गई है, ताकि कक्षा 3 तक सभी बच्चे पढ़ने, लिखने और गणना करने में सक्षम हो सकें। इस नीति के तहत बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाने की सिफारिश की गई है, जिससे वे सहजता से सीख सकें और उनकी नींव मजबूत हो।

इसके अलावा, उन्होंने बताया कि पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए ‘निपुण भारत मिशन’ की शुरुआत की गई है, जिसका लक्ष्य 2026-27 तक सभी बच्चों को FLN में दक्ष बनाना है। इस मिशन के तहत, शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, माता-पिता को जागरूक किया जा रहा है, और बच्चों के नियमित आकलन के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है

अंत में, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी शिक्षकों, अभिभावकों और समाज के सामूहिक प्रयासों से अनूपशहर ब्लॉक निश्चित रूप से ‘निपुण ब्लॉक’ बनने में अग्रणी स्थान प्राप्त करेगा। उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस दिशा में एकजुट होकर कार्य करें, ताकि अनूपशहर ब्लॉक उत्तर प्रदेश में ‘निपुण ब्लॉक’ बनने वाला पहला ब्लॉक बने और प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाए।

अनूपशहर ब्लॉक को ‘निपुण ब्लॉक’ बनाने का संकल्प

अंत में, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अनूपशहर ब्लॉक निश्चित रूप से प्रदेश का सबसे अग्रणी ‘निपुण ब्लॉक’ बनने की ओर अग्रसर होगा। उन्होंने सभी शिक्षकों, आंगनवाड़ी से अपील की कि वे इस दिशा में मिलकर कार्य करें और शासन की योजनाओं को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करें

उन्होंने यह भी कहा कि यदि सभी हितधारक मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाते हैं, तो अनूपशहर ब्लॉक जल्द ही प्रदेश में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा और ‘हमारा आंगन हमारे बच्चे’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त करेगा

प्राथमिक शिक्षा संघ के जिलाध्यक्ष सुशील कुमार शर्मा ने कार्यक्रम में बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का प्रारंभिक चरण बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। शर्मा जी ने शिक्षकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे बच्चों को एक प्रेरणादायक वातावरण प्रदान करें। उन्होंने निपुण भारत मिशन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सभी को मिलकर बच्चों की शिक्षा में योगदान देने का आह्वान किया।

एआरपी विनीत पंवार का वक्तव्य

एआरपी विनीत पंवार ने ‘हमारा आंगन हमारे बच्चे’ कार्यक्रम के महत्व को समझाते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा से जोड़कर उनके बौद्धिक और सामाजिक कौशल को विकसित करना है

उन्होंने ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ की चर्चा करते हुए बताया कि इस नीति के तहत शिक्षा को अधिक समावेशी और व्यावहारिक बनाया गया है, जिससे बच्चों का समग्र विकास हो सके। उन्होंने शिक्षकों से अनुरोध किया कि वे बच्चों को अधिक खेल-आधारित और गतिविधि-आधारित शिक्षण पद्धति से जोड़ें

एआरपी श्री लोकेश कुमार का वक्तव्य

एआरपी लोकेश कुमार ने ‘हमारा आंगन हमारे बच्चे’ कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस अभियान का लक्ष्य पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को मज़बूत करना और इसे घर-परिवार तक पहुँचाना है

उन्होंने बताया कि शिक्षकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सहभागिता से इस कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से अपील की कि वे बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को मज़बूत करने के लिए शासन की योजनाओं का पूरा लाभ उठाएँ

सांस्कृतिक कार्यक्रम : नृत्य, योग और लघु नाटिका

इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को और भी खास बना दिया। आयोजन में छात्रों ने अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसमें लघु नाटिका, नृत्य और योग जैसी विधाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन प्रस्तुतियों का उद्देश्य शिक्षा और स्वास्थ्य के महत्व को रचनात्मक तरीके से प्रदर्शित करना था।

1. लघु नाटिका (लघु नाटक)

लघु नाटिका: रानी लक्ष्मीबाई के बारे में

कार्यक्रम में एक खास आकर्षण रही लघु नाटिका, जो रानी लक्ष्मीबाई के अदम्य साहस और वीरता पर आधारित थी। इस नाटिका में रानी लक्ष्मीबाई की वीरता, संघर्ष और मातृभूमि के प्रति उनकी निष्ठा को प्रभावी तरीके से दर्शाया गया।

नाटिका के माध्यम से छात्रों ने यह संदेश दिया कि रानी लक्ष्मीबाई केवल एक वीर योद्धा नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा स्रोत भी थीं। उन्होंने अपने राज्य की रक्षा के लिए कड़ा संघर्ष किया और मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

रानी लक्ष्मीबाई का जीवन न केवल संघर्ष और साहस की कहानी है, बल्कि यह हमारे लिए यह भी एक प्रेरणा है कि हमें किसी भी परिस्थिति में अपने अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हमेशा खड़ा रहना चाहिए।

नाटिका के दौरान रानी लक्ष्मीबाई के साहसिक क्षणों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया, जो दर्शकों के दिलों को छू गया। छात्रों ने अपनी अदाकारी से रानी लक्ष्मीबाई के संघर्ष को बड़े प्रभावशाली तरीके से पेश किया और दर्शकों को एक नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान की।

यह नाटिका न केवल ऐतिहासिक महत्त्व को उजागर करती है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि हमें अपने देश और अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

2. नृत्य प्रदर्शन

इसके बाद, डूंगरा जोगी विद्यालय के विद्यार्थियों ने जोशीला नृत्य प्रदर्शन किया। इस प्रस्तुति में भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीवंत किया गया। नृत्य के माध्यम से बच्चों ने एकता और विविधता का संदेश दिया। कार्यक्रम में ताल और रिदम के साथ प्रस्तुत नृत्य ने दर्शकों का दिल छू लिया और इसने दर्शकों में उत्साह और आनंद की लहर पैदा की।

3. योग प्रदर्शन

कार्यक्रम का एक और प्रमुख आकर्षण था अनीवास की छात्रा द्वारा प्रस्तुत योग प्रदर्शन। योग के जरिए छात्राओं ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का महत्व समझाया। योग ने यह संदेश दिया कि शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखना हमारी शिक्षा के साथ-साथ हमारे जीवन के लिए भी बेहद जरूरी है।

इन सभी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को एक नई दिशा दी और शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक जागरूकता का संदेश दिया। यह आयोजन न केवल मनोरंजन का एक जरिया था, बल्कि लोगों को प्रेरित करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक अद्भुत तरीका था।

कार्यक्रम का संचालन: जयप्रकाश सिंह के द्वारा

इस भव्य कार्यक्रम का संचालन जयप्रकाश सिंह के द्वारा किया गया। उन्होंने अत्यंत आकर्षक और प्रभावशाली तरीके से कार्यक्रम का संचालन किया, जिससे हर किसी का ध्यान और ऊर्जा कार्यक्रम में बनी रही। जयप्रकाश सिंह के संचालन के दौरान सभी उपस्थित दर्शक जुड़े हुए महसूस कर रहे थे, क्योंकि उन्होंने कार्यक्रम को इस प्रकार से प्रस्तुत किया कि हर एक गतिविधि में एक विशेष रुचि और रोमांच बना रहे।

उनके द्वारा प्रस्तुत की गई कविताएँ, शेरो-शायरी और प्रेरणादायक वचन सभी को मंत्रमुग्ध कर देने वाले थे। उन्होंने अपने शब्दों के माध्यम से न केवल सभी को प्रेरित किया, बल्कि एक सशक्त और सकारात्मक माहौल भी बनाया। उनकी शेरो-शायरी ने कार्यक्रम में एक नई जान डाली, जिससे हर किसी का उत्साह बढ़ा और दर्शक पूरी तरह से कार्यक्रम में लीन हो गए।

जयप्रकाश सिंह की वजह से ही कार्यक्रम में चार चाँद लगे और इसने एक अद्वितीय अनुभव प्रदान किया। उनके सटीक समायोजन और कला के माध्यम से कार्यक्रम का प्रत्येक हिस्सा शानदार तरीके से प्रस्तुत किया गया। उनका संचालन और विचारशील दृष्टिकोण न केवल कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक रहा, बल्कि यह कार्यक्रम सभी के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ने में भी सफल रहा।

रंगोली और निपुण भारत मिशन का संदेश

इस अवसर पर निर्मित रंगोलियाँ न केवल कला के उत्कृष्ट उदाहरण थीं, बल्कि इन्होंने शिक्षा के महत्व और निपुण भारत मिशन के उद्देश्यों को भी प्रभावी रूप से दर्शाया। एक रंगोली में शिक्षा के प्रतीक और बच्चों के अधिकारों का चित्रण किया गया था, जो यह संदेश देता था कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और यह समाज के प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में बदलाव ला सकती है।

निपुण भारत मिशन के अंतर्गत शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने और बच्चों को उनकी पूर्ण क्षमता तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य बच्चों के लिए एक मजबूत और प्रभावी शैक्षिक ढांचा तैयार करना है, ताकि वे अपनी जिंदगी में आगे बढ़ सकें और समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें। रंगोली में बच्चों की शिक्षा, उनकी सशक्तिकरण की आवश्यकता, और एक निपुण भारत बनाने का संकल्प को दर्शाया गया।

रंगोली का दूसरा हिस्सा मातृशक्ति और महिला सशक्तिकरण के साथ जुड़ा हुआ था, जिसमें शिक्षा को महिलाओं के जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की आवश्यकता को प्रमुखता दी गई थी। यह रंगोली यह संदेश देती है कि अगर महिला को शिक्षा प्राप्त होती है, तो वह अपने समाज और परिवार को उन्नति की ओर ले जा सकती है।

इन रंगोलियों का निर्माण करते समय, गुंजन शर्मा, श्री गुंजन सिंह, सर्वेश, सरीता, ने अपने अद्वितीय योगदान से इस कार्यक्रम को और भी आकर्षक और विचारशील बना दिया। उनकी कला ने न केवल दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया, बल्कि उन्होंने शिक्षा और निपुण भारत मिशन के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य भी किया।

TLM (Teaching Learning Material) मेले का आयोजन और इसका महत्व

इस अवसर पर TLM (Teaching Learning Material) मेले का आयोजन किया गया, जिसमें 9 न्याय पंचायतों से उत्कृष्ट TLM (शिक्षण-शिक्षण सामग्री) प्रदर्शित किए गए। इस मेले का उद्देश्य यह था कि शिक्षकों और छात्रों को शिक्षण-शिक्षण सामग्री का महत्व समझाया जाए और यह दिखाया जाए कि कैसे TLM बच्चों की शिक्षा को प्रभावी बना सकता है।

TLM का मुख्य उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और बच्चों को रचनात्मक तरीके से पढ़ाई में शामिल करना है। जब TLM का सही तरीके से उपयोग किया जाता है, तो यह बच्चों को अधिगम प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करता है। बच्चों का ध्यान आकर्षित करने, रुचि बढ़ाने, और अधिगम में तत्परता लाने में TLM का बहुत बड़ा योगदान है।

इस मेले के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि शिक्षक और छात्र दोनों मिलकर TLM का सही उपयोग करके शिक्षा के स्तर को उन्नत कर सकते हैं। विशेष रूप से, TLM बच्चों की कौशल क्षमता और सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है, जिससे उनका समझ और अधिगम और भी प्रभावी होता है।

मेले में प्रदर्शित TLM ने यह संदेश दिया कि शिक्षा को केवल पुस्तक और कक्षा तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि इसे सृजनात्मक और इंटरएक्टिव तरीके से बच्चों तक पहुँचाना चाहिए। इसके माध्यम से बच्चों को ज्ञान की बेहतर समझ मिलती है और उनका अधिगम भी प्रगति करता है।

इस मेले के आयोजन ने यह स्पष्ट किया कि TLM शिक्षा की प्रक्रिया में न केवल बच्चों की भागीदारी बढ़ाता है, बल्कि यह उन्हें रचनात्मक सोच और समस्या हल करने की क्षमता भी विकसित करने में मदद करता है। TLM के प्रभावी उपयोग से बच्चों की रुचि और प्रेरणा बढ़ती है, जिससे उनका शिक्षण अनुभव और भी उपयोगी बनता है।

आंगनवाड़ी शिक्षक और बच्चों का उत्कृष्ट सम्मान समारोह

इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी श्री दीपक कुमार ने आंगनवाड़ी शिक्षकों और बच्चों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रशंसा पत्र और उपहार देकर सम्मानित किया। उन्होंने यह कहा कि इस प्रकार के सम्मान समारोह से अन्य लोग भी प्रेरित होते हैं और अपने कार्यों में और बेहतर तरीके से मेहनत करते हैं।

खंड शिक्षा अधिकारी ने इस सम्मान समारोह का मुख्य उद्देश्य समाज में प्रेरणा का वातावरण बनाना बताया, ताकि अधिक लोग अपने कार्यों में समर्पण और निष्ठा से जुड़े रहें। यह सम्मान केवल उन शिक्षकों और बच्चों के प्रयासों का आदर नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि हमें अपने कार्यों में उत्कृष्ठता प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।

श्री दीपक कुमार ने इस अवसर पर शिक्षकों और बच्चों से शुभकामनाएँ दी और उन्हें प्रेरित करते हुए कहा कि, “आपका कार्य समाज की प्रगति में सहायक बनेगा और हमें नई ऊँचाइयों तक पहुँचने में मदद करेगा।” उन्होंने सभी से यह आह्वान किया कि वे मिलकर अपने प्रयासों को और तेज करें, ताकि ब्लॉक को निपुण बनाने में अधिक योगदान दे सकें।

खंड विकास अधिकारी श्री मोकम सिंह, जो कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे, ने अपने उद्बोधन में शिक्षा के महत्व और विशेष रूप से पूर्व प्राथमिक शिक्षा के बारे में विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने सभी से मिलकर काम करने की अपील की, ताकि बच्चों के स्वाभाविक विकास में मदद मिल सके और वे अपने विकास क्षेत्र को सशक्त बना सकें।

कार्यक्रम को सफल बनाने में भूपेंद्र सिंह राघव, जयप्रकाश सिंह, सुशील कुमार शर्मा, विपिन कुमार, गौरव चौधरी, वीरेंद्र कुमार, दुष्यंत, अवतार शर्मा, तुनिष तोमर, राजकुमार सिंह, राघव, नरेश कुमार, भूपेंद्र सिंह, श्रीमती मुनीश कुमारी, सर्वेश, मनीष कुमार,, गुंजन शर्मा, गुंजन सिंह, श्रीमती सरिता , दीपक कुमार, तेज प्रकाश, और सलीम बेग आदि का प्रमुख योगदान रहा। इस अवसर पर अनेक अध्यापक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ती उपस्थित रही।

कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों एवं शिक्षकों के लिए स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था की गई थी।

एंटी लेप्रोसी डे के अवसर पर सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों और उपस्थित अतिथियों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता फैलाने और इसके उन्मूलन में योगदान देने की शपथ दिलाई गई। शपथ में समाज में किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने और कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों को समान अधिकार देने का संकल्प लिया गया। उपस्थित सभी लोगों ने मिलकर यह प्रतिज्ञा ली कि वे इस अभियान को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाएंगे।

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