अनूपशहर में बेसिक शिक्षा विभाग की ब्लॉक स्तरीय संगोष्ठी एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम-: योजनाओं और सुधारों पर चर्चा

अनूपशहर के गणेश फार्म हाउस में आयोजित उन्मुखीकरण संगोष्ठी में परिषदीय विद्यालयों के विकास और छात्रों की शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ावा देने से संबंधित योजनाओं पर चर्चा की गई। इस संगोष्ठी में ब्लॉक प्रमुख श्री अतुल कुमार, नगर पालिका अध्यक्ष श्री बृजेश कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी श्री  दीपक कुमार, डायट प्रवक्ता श्रीमती तरन्नुम जहां, श्री सुशील कुमार जिला अध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ, श्री ज्ञानेंद्र राघव मंडल अध्यक्ष क्षत्रिय महासभा मेरठ मंडल और शिक्षकों, ग्राम प्रधानों, ने हिस्सा लिया।

शिक्षा एक ऐसा अमूल्य रत्न है, जिसकी रोशनी से समाज, देश का भविष्य उज्जवल होता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, अनूपशहर ब्लॉक में एक भव्य शिक्षा जागरूकता संगोष्ठी और उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज के जनप्रतिनिधियों, विशेष रूप से ग्राम प्रधानों और शिक्षकों के बीच शिक्षा की महत्ता को उजागर करना था। यह कार्यक्रम शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया।

इस आयोजन की मेज़बानी गणेश फार्म हाउस, अनूपशहर में की गई, जहाँ कार्यक्रम स्थल को अत्यंत आकर्षक और सुव्यवस्थित तरीके से सजाया गया था। सभी अतिथियों के बैठने की उचित व्यवस्था की गई थी और पूरे हॉल में एक उत्साहपूर्ण वातावरण था।

अतिथियों का स्वागत और दीप प्रज्वलन

कार्यक्रम की शुरुआत खंड शिक्षा अधिकारी श्री दीपक कुमार, डायट प्रवक्ता श्रीमती तरन्नुम जहां , श्री सुशील कुमार जिला अध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ व  अतिथियो  द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ब्लॉक प्रमुख श्री अतुल कुमार, नगर पालिका अध्यक्ष श्री बृजेश कुमार, और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री मदन पाल जी मौजूद थे।

अतिथियों का स्वागत खंड शिक्षा अधिकारी श्री दीपक कुमार द्वारा किया गया और फिर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

 सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आकर्षण

कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ हुईं, जिनमें CS Aniwas की छात्रा द्वारा योगा नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसके माध्यम से शारीरिक और मानसिक संतुलन का महत्त्व दर्शाया। इसके बाद, KGBV की छात्राओं ने बालिका शिक्षा और बाल विवाह जैसी गंभीर सामाजिक समस्याओं पर आधारित लघु नाटिका प्रस्तुत की, जिसने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया। CS रूपवास की छात्राओं ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” पर आधारित गीत प्रस्तुत किया, जो नारी सशक्तिकरण और शिक्षा के महत्त्व को दर्शाता है।

उच्च प्राथमिक विद्यालय जयरामपुर के छात्राओं ने कार्यक्रम में एक अद्भुत सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। छात्रों ने देशभक्ति गीत “ऐ मेरे वतन, आबाद रहे…” प्रस्तुत किया, जो न केवल उनके शैक्षिक कौशल का प्रमाण था, बल्कि उनके मन में देश प्रेम और सम्मान की भावना को भी दर्शाता है। इस गीत ने सभी उपस्थित जनों को भावविभोर कर दिया और शिक्षा के माध्यम से समाज और देश भक्ति की भावना पैदा करने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण पेश किया। शिक्षा का यह स्वरूप छात्रों में आत्मविश्वास और प्रेरणा का संचार करता है, जो उन्हें न केवल शैक्षणिक रूप से बल्कि सामाजिक रूप से भी मजबूत बनाता है।

इन प्रस्तुतियों ने सभी अतिथियों और उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया और छात्रों की प्रतिभा की सराहना की गई।

शिक्षा और सरकारी योजनाओं पर चर्चा

खंड शिक्षा अधिकारी श्री दीपक कुमार ने अपने उद्धबोधन  में शिक्षा के महत्त्व और इसकी व्यापकता पर जोर देते हुए कहा, “शिक्षा वह नींव है, जिस पर भविष्य का निर्माण होता है।” उन्होंने बताया कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में बच्चों को सशक्त बनाता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएँ जैसे निपुण भारत मिशन, ऑपरेशन कायाकल्प, बालिका शिक्षा योजना और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला रही हैं। DBT योजना के तहत बच्चों को यूनिफॉर्म, स्टेशनरी, स्वेटर आदि की धनराशि सीधे बैंक खातों में भेजी जाती है ।

इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी प्रधानाध्यापकों और ग्राम प्रधानों तक पहुंचाना है, ताकि वे इन योजनाओं का सही और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT), निपुण भारत मिशन, ऑपरेशन कायाकल्प, बालिका शिक्षा, और आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए चल रही योजनाओं की जानकारी दी।

ग्राम प्रधानों से आग्रह किया गया कि वे अभिभावकों को जागरूक करें, ताकि इस धनराशि का सही उपयोग करके अपने बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताएं पूरी कर सकें। इसके अलावा, आधार कार्ड बनवाने और बैंक खाते सक्रिय कराने पर भी विशेष जोर दिया गया।

कार्यक्रम में उन ग्राम प्रधानों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने गांव के विद्यालयों में ऑपरेशन कायाकल्प और अन्य योजनाओं के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य किया है। उन्हें प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने निशुल्क शिक्षा और बाल अधिकार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने प्रधानाध्यापकों और ग्राम प्रधानों से अनुरोध किया कि वे शिक्षा के प्रति अपने प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाएँ, ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके।

खंड शिक्षा अधिकारी ने विशेष रूप से इस बात पर ज़ोर दिया कि बच्चों को केवल विद्यालय विद्यालय में प्रवेश सुनिश्चित कराना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि नियमित विद्यालय भेजना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रधानाध्यापकों और ग्राम प्रधानों से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि हर बच्चा विद्यालय पहुंचे और शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अध्यापक उत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए संकल्पित हैं, जिससे बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा और वे समाज व राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे।

जिला अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ श्री सुशील कुमार शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने शिक्षा के महत्व और उसके समाज पर प्रभाव के बारे में चर्चा की। श्री हसन अली (ARP) ने भी शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया और उपस्थित सभी लोगों को शिक्षण के क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए प्रेरित किया।

 अतिथियों के उद्धबोधन और शिक्षा का महत्त्व

विशिष्ट अतिथियों में उपस्थित श्री अतुल कुमार, नगर पालिका अध्यक्ष श्री बृजेश कुमार ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि, “शिक्षा समाज का वह स्तंभ है, जिस पर राष्ट्र की प्रगति निर्भर करती है।” उन्होंने यह भी कहा कि गुरु का सम्मान और शिक्षा का प्रसार ही किसी भी समाज की असली प्रगति का आधार है। गुरु ही वह व्यक्ति है जो छात्र के भविष्य को संवारता है। गुरु के मार्गदर्शन से ही छात्र सही दिशा में बढ़ सकते हैं।” उन्होंने कहा कि शिक्षक का कार्य न केवल ज्ञान देना है, बल्कि जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना भी है।  शिक्षा से ही ग्राम और समाज का विकास संभव है।

श्री ज्ञानेंद्र राघव ने अपने उद्बोधन में शिक्षा के महत्व और प्रधान व प्रधान अध्यापकों के बीच तालमेल पर जोर दिया, जिससे सभी को प्रेरणा मिली।

सम्मान समारोह

इस अवसर पर ग्राम प्रधानों, शिक्षामित्रों, और अनुदेशकों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।

 रंगोली और भोजन व्यवस्था

कार्यक्रम स्थल पर दो भव्य रंगोलियों का निर्माण किया गया, । इन रंगोलियों ने शिक्षा के महत्त्व और समाज में उसकी प्रासंगिकता को खूबसूरती से दर्शाया।  

श्री राजकुमार राघव, नरेश कुमार, और ओमकार सिंह के नेतृत्व में उत्कृष्ट भोजन व्यवस्था की गई, जिससे सभी अतिथि और प्रतिभागी संतुष्ट हुए।

कार्यक्रम के संयोजक भूपेंद्र सिंह ने इस आयोजन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जबकि संचालन जयप्रकाश सिंह ने किया। तकनीकी सहयोग तुनीष तोमर ने प्रदान किया, जिसने कार्यक्रम को और भी व्यवस्थित और सफल बनाया।

कार्यक्रम के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि बेसिक शिक्षा विभाग की योजनाओं और उनके क्रियान्वयन से जुड़ी सभी जानकारियां प्रभावी रूप से शिक्षकों और प्रधानों तक पहुंचें, ताकि ग्रामीण शिक्षा में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। इस कार्यक्रम ने शिक्षा के क्षेत्र में जागरूकता और सुधार के प्रयासों को एक नई दिशा दी। संगोष्ठी में शामिल सभी सदस्यों ने शिक्षा से जुड़ी सरकारी योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपने योगदान की प्रतिबद्धता जताई।

अंत में, यह कार्यक्रम न केवल ज्ञानवर्धन का एक मंच था, बल्कि शिक्षा की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में एक मजबूत कदम भी था। सभी उपस्थित जनों ने अपने-अपने योगदान की प्रतिबद्धता जताई, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए वे सदैव तत्पर रहेंगे। शिक्षा का महत्व समझते हुए, हम सभी को इसे बढ़ावा देने और समाज, प्रदेश एवं राष्ट्र की तरक्की में योगदान देने की आवश्यकता है।

Scroll to Top