राष्ट्रीय आविष्कार अभियान: चीनी मिल भ्रमण के जरिए छात्रों का व्यावहारिक अनुभव

खंड शिक्षा अधिकारी अनूपशहर की प्रेरणा और मार्गदर्शन में राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के अंतर्गत विकास क्षेत्र अनूपशहर के 100 प्रतिभाशाली छात्रों को दि किसान सहकारी चीनी मिल, जहांगीराबाद का एक दिवसीय शैक्षिक भ्रमण कराया गया। 

 राष्ट्रीय आविष्कार अभियान का उद्देश्य 

राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (Rashtriya Avishkar Abhiyan) शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित एक विशेष पहल है, जिसका उद्देश्य छात्रों में जिज्ञासा आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना, वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना, और गणित, विज्ञान, तथा प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाना है। छात्रों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना और उन्हें व्यावसायिक वातावरण के बारे में जानकारी देना है। इस अभियान के तहत ऐसे भ्रमण छात्रों को व्यावहारिक और तकनीकी ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ उनकी सोचने की क्षमता को भी बढ़ाते हैं। 

भ्रमण का उद्देश्य

छात्रों में विज्ञान और नवाचार के प्रति रुचि जागृत करना और उन्हें व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना है।इस भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को व्यावसायिक और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना था। इससे न केवल छात्रों को चीनी उत्पादन प्रक्रिया को समझने का अवसर मिला, बल्कि उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी विकसित किया गया। 

शिक्षा का उद्देश्य केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित रहना नहीं है, बल्कि यह छात्रों को वास्तविक जीवन की समझ प्रदान करने का एक साधन है। इस संदर्भ में क्षेत्रीय भ्रमण (फील्ड विजिट) का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। यह छात्रों को पुस्तकीय ज्ञान से परे वास्तविक दुनिया के अनुभव प्रदान करता है और उनके सीखने के स्तर को ऊंचा उठाने में सहायक होता है। 

पढ़ाई का सबसे प्रभावी तरीका वह होता है, जिसमें छात्र अपने अनुभवों से सीखते हैं। क्षेत्रीय भ्रमण इस दृष्टिकोण को पूर्ण रूप से समर्थन देता है। 

– सीखने का सक्रिय तरीका: छात्र किसी प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देखकर और उसमें शामिल होकर गहनता से सीखते हैं। 

– ज्ञान को जीवन से जोड़ना: पाठ्यपुस्तकों में पढ़ी गई जानकारी को जब वे वास्तविक जीवन में देखते हैं, तो उनकी समझ और स्पष्ट हो जाती है। 

– वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास: व्यावहारिक अनुभव छात्रों में सोचने और विश्लेषण करने की क्षमता को बढ़ावा देते हैं। 

औद्योगिक और तकनीकी समझ: चीनी मिल जैसे स्थानों की यात्रा छात्रों को यह समझने का अवसर देती है कि उद्योगों में मशीनें और तकनीक कैसे काम करती हैं। 

जिज्ञासा और अनुभव आधारित शिक्षा छात्रों को न केवल अधिक ज्ञानवान बनाती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी भी बनाती है। 

 ब्लॉक स्तर पर प्रतियोगिता और चयन प्रक्रिया 

ब्लॉक स्तर पर आयोजित गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को विज्ञान और गणित में रुचि विकसित करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके अंतर्गत, विकास क्षेत्र अनूपशहर में एक ब्लॉक स्तर की क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसमें प्रतिभाशाली छात्रों का चयन किया गया। इस प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले 100 छात्रों को आज दि किसान सहकारी चीनी मिल, जहानगीराबाद के शैक्षिक भ्रमण पर ले जाया गया। 

यात्रा का प्रारंभ ब्लॉक रिसोर्स सेंटर, अनूपशहर से हुआ, जहां सभी चयनित छात्र और शिक्षक प्रातः समय पर एकत्र हुए। छात्रों का स्वागत उत्साहपूर्वक किया गया और उन्हें यात्रा की रूपरेखा बताई गई। इसके बाद छात्रों को रिफ्रेशमेंट प्रदान किया गया, ताकि वे ऊर्जा से भरपूर इस शिक्षाप्रद अनुभव का आनंद ले सकें। 

 शिक्षकों द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश 

यात्रा पर जाने से पहले सभी शिक्षकों ने छात्रों को निर्देश दिए और बताया कि यह भ्रमण न केवल शैक्षिक होगा बल्कि उनके ज्ञान और कौशल को बढ़ाने में भी सहायक होगा। 

छात्रों को अनुशासन बनाए रखने और उत्सुकता के साथ सभी प्रक्रियाओं को समझने की सलाह दी गई। 

हरी झंडी दिखाकर बस रवाना 

यात्रा में दो बसों के माध्यम से 100 छात्र-छात्राओं और उनके साथ 15-20 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। भूपेंद्र सिंह, नैम सिंह, और विनीत पवार ने हरी झंडी दिखाकर छात्रों को चीनी मिल के लिए रवाना किया। इस दौरान उन्होंने छात्रों को शुभकामनाएं दीं और इस अवसर का भरपूर लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। यात्रा के लिए विशेष रूप से दो बसों की व्यवस्था की गई थी, जिनमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक अपनी यात्रा शुरू की। 

चीनी मिल में छात्रों का स्वागत और परिचय 

चीनी मिल पहुँचने पर, छात्रों का मिल प्रबंधन द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। शुरुआत में छात्रों को मिल के बारे में संक्षिप्त परिचय दिया गया। 

मिल के अधिकारियों ने चीनी उत्पादन की प्रक्रियाओं और मिल में उपयोग होने वाली तकनीकों के बारे में जानकारी साझा की। 

चीनी उत्पादन की विभिन्न प्रक्रियाओं से अवगत कराया गया, जिनमें गन्ने की सफाई, क्रशिंग, रस निकालने की प्रक्रिया, शक्कर में परिवर्तन, और चीनी की पैकेजिंग व भंडारण शामिल हैं। इस भ्रमण में छात्रों ने मशीनों की कार्यप्रणाली को समझा और औद्योगिक प्रक्रियाओं का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया। 

शिक्षकों का सहयोग 

यात्रा को सफल बनाने में शिक्षकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिक्षकों ने छात्रों को लगातार प्रोत्साहित किया और पूरे भ्रमण के दौरान उनके साथ रहे। इस यात्रा में शामिल शिक्षकों के नाम इस प्रकार हैं: 

नैम सिंह ,विनीत पवार , वंदना भारद्वाज , रितु गौड़,  पूजा,जयप्रकाश सिंह,- रोशनलाल , नरेश कुमार ,दुष्यंत औतार शर्मा  , सरिता वार्ष्णेय ,शालिनी सिंह , उर्मिला देवी,सतवीर सिंह  , हुसैन अली , हेमंत शर्मा  ,अमर सिंह ,तुनिष तोमर ,राजकुमार शर्मा 

इस भ्रमण का आयोजन सफलतापूर्वक करने में भूपेंद्र सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने इस आयोजन की संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की। 

 निष्कर्ष 

यह शैक्षिक भ्रमण राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के तहत छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव था। उन्होंने न केवल चीनी उत्पादन की प्रक्रिया को समझा, बल्कि व्यावहारिक शिक्षा के महत्व को भी महसूस किया। इस प्रकार के आयोजन छात्रों के शैक्षणिक और व्यक्तिगत विकास के लिए अत्यंत उपयोगी हैं।  राष्ट्रीय आविष्कार अभियान छात्रों के लिए एक ऐसी पहल है जो उन्हें कक्षा के बाहर व्यावहारिक ज्ञान प्रदान कर, उनके समग्र विकास में सहायक है।  इस प्रकार की यात्राएं छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि बढ़ाने का एक शानदार अवसर देती हैं। 

भ्रमण छात्रों के समग्र विकास का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। यह उनके सीखने की प्रक्रिया को सरल, रुचिकर और वास्तविक बनाता है। उत्सुकता और व्यावहारिक अनुभव से प्रेरित शिक्षा न केवल छात्रों को बेहतर नागरिक बनाती है, बल्कि उन्हें समाज और दुनिया को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करती है। इस प्रकार की यात्राएं शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य – सीखने, समझने और विकसित होने – को पूर्ण करती हैं। 

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