
शारदा संगोष्ठी –
विद्यालय में बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु नामांकन, उपस्थिति एवं ठहराव में वृद्धि के साथ-साथ आत्मविश्वास, अनुशासन एवं टीम वर्क की भावना को विकसित करना इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य है। इस संगोष्ठी के माध्यम से विद्यालय गतिविधियों में अभिभावकों एवं समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाती है, जिससे बच्चों के ड्रॉपआउट को रोका जा सके।
शारदा संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य विद्यालय में बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है। यह कार्यक्रम विद्यालय में नामांकन, उपस्थिति और ठहराव में वृद्धि के साथ-साथ बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन और सकारात्मक भावना विकसित करने के लिए आयोजित किया जाता है। इसके माध्यम से बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित किया जाता है और उन्हें स्कूल छोड़ने से रोकने का प्रयास किया जाता है।
शारदा संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें नियमित रूप से स्कूल आने के लिए प्रेरित करना है। इसके साथ ही, अभिभावकों को यह समझाना कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और उन्हें इसे सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
आउट-ऑफ-स्कूल बच्चों की परिभाषा

इस संगोष्ठी में शिक्षकों द्वारा आउट-ऑफ-स्कूल बच्चों की परिभाषा को विस्तार से समझाया जाता है।
आउट ऑफ स्कूल बच्चों की परिभाषा
आउट ऑफ स्कूल बच्चे वे होते हैं जो 6 से 14 वर्ष की आयु के हैं और—
- कभी किसी विद्यालय में नामांकित नहीं हुए।
- नामांकन के बाद बिना किसी सूचना के लगातार 45 दिन या उससे अधिक अनुपस्थित रहे।
- प्राथमिक शिक्षा पूरी करने से पहले किसी भी स्तर पर स्कूल छोड़ चुके हैं।
आउट ऑफ स्कूल बच्चे वे होते हैं जो किसी कारणवश विद्यालय में नामांकित नहीं हैं या निरंतर अनुपस्थित रहते हैं। इन बच्चों को पुनः शिक्षा प्रणाली में शामिल करने के लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से शिक्षा दी जाती है।
“शारदा अभियान“ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से आउट ऑफ स्कूल बच्चों की पहचान, पंजीकरण और नामांकन के लिए विशेष प्रयास किए हैं। इसके तहत, 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाता है और उन्हें स्कूल में नामांकित कराया जाता है।स्कूली शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इन बच्चों को फिर से शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं।
शारदा संगोष्ठी का उद्देश्य-शिक्षा का महत्व: हर बच्चे का अधिकार
शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है और यह उनके भविष्य को सवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शारदा संगोष्ठी के माध्यम से हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। इस कार्यक्रम में अभिभावकों, शिक्षकों और समुदाय के सदस्यों को एक साथ लाकर बच्चों की शिक्षा और विकास पर चर्चा की जाती है।
शारदा संगोष्ठी का उद्देश्य-आउट-ऑफ-स्कूल बच्चों को वापस लाने के प्रयास

शारदा संगोष्ठी का एक मुख्य उद्देश्य आउट-ऑफ-स्कूल बच्चों को वापस शिक्षा प्रणाली में लाना है। इसमें बच्चों को स्कूल में नामांकित करने, उनकी शिक्षा के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने, और उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित करने जैसे कदम शामिल हैं। शारदा संगोष्ठी एक ऐसा मंच है जहां शिक्षा के महत्व, नियमित उपस्थिति की आवश्यकता, और ड्रॉप-आउट के दुष्प्रभावों पर गहन चर्चा की जाती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चा शिक्षा के प्रकाश से जुड़े और उसका भविष्य उज्ज्वल हो। अभिभावकों, शिक्षकों और समुदाय की सक्रिय भागीदारी से हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
संगोष्ठी में आउट-ऑफ-स्कूल बच्चों को वापस स्कूल में लाने के लिए विशेष योजनाओं और प्रयासों पर भी चर्चा की जाती है। इसमें बच्चों को स्कूल में नामांकित करने, उनकी शिक्षा के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने, और उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित करने जैसे कदम शामिल हैं।
नियमित उपस्थिति की आवश्यकता
नियमित उपस्थिति बच्चों की शिक्षा की नींव है। जब बच्चे नियमित रूप से स्कूल आते हैं, तो उनका शैक्षिक प्रदर्शन बेहतर होता है और उनमें आत्मविश्वास विकसित होता है। शारदा संगोष्ठी में अभिभावकों को यह समझाया जाता है कि कैसे नियमित उपस्थिति बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है।
शारदा संगोष्ठी -शिक्षा का महत्व

संगोष्ठी में अभिभावकों के साथ शिक्षा के महत्व, नियमित उपस्थिति की आवश्यकता, और ड्रॉप-आउट होने के दुष्प्रभावों पर चर्चा की जाती है। यह बताया जाता है कि कैसे स्कूल छोड़ने से बच्चों का भविष्य प्रभावित होता है और उन्हें सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
ड्रॉप-आउट के दुष्प्रभाव
ड्रॉप-आउट यानी स्कूल छोड़ने से बच्चों के जीवन पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ते हैं। यह न केवल उनकी शिक्षा को प्रभावित करता है, बल्कि उनके सामाजिक और आर्थिक भविष्य को भी खतरे में डालता है। ड्रॉप-आउट बच्चों को अक्सर बाल श्रम, गरीबी और अन्य सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
शारदा संगोष्ठी में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की जाती है और अभिभावकों को यह समझाया जाता है कि कैसे वे अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने से रोक सकते हैं। साथ ही, आउट-ऑफ-स्कूल बच्चों को वापस स्कूल में लाने के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं।
अभिभावकों की भूमिका
अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी बच्चों की शिक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। शारदा संगोष्ठी में अभिभावकों को यह समझाया जाता है कि वे कैसे अपने बच्चों को स्कूल भेजने, उनकी पढ़ाई में रुचि लेने, और शिक्षकों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
शारदा संगोष्ठी में आयोजित होने वाले कार्यक्रम
गोष्ठी के अंतर्गत होने वाले कार्यक्रम
शारदा संगोष्ठी के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जिसमें आउट ऑफ स्कूल बच्चों की पहचान, नामांकन प्रक्रिया, विद्यालय में उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के प्रयास तथा ड्रॉपआउट की समस्या पर चर्चा की जाती है। इसके अंतर्गत –
- विद्यालय से बाहर रहने वाले बच्चों की पहचान एवं उन्हें विद्यालय से जोड़ने की प्रक्रिया।
- नियमित उपस्थिति के महत्व एवं ड्रॉपआउट से होने वाले दुष्प्रभावों पर विस्तृत चर्चा।
- अधिकतम उपस्थिति वाले छात्रों का सार्वजनिक रूप से सम्मान।
- अभिभावकों को अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करना।
आयोजन में सामुदायिक भागीदारी
संगोष्ठी के आयोजन के दौरान सामुदायिक सहभागिता अत्यंत आवश्यक होती है। इसमें अभिभावकों, स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों एवं शिक्षकों की सक्रिय भूमिका होती है। इस दौरान –
- अभिभावकों के साथ बैठक आयोजित कर विद्यालय शिक्षा के महत्व को समझाया जाता है।
- ड्रॉपआउट बच्चों के पुनः नामांकन की प्रक्रिया में समुदाय को शामिल किया जाता है।
- बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाता है।
अभिभावकों की भूमिका
अभिभावकों को यह समझाया जाता है कि उनकी सक्रिय भागीदारी बच्चों की शिक्षा के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। उन्हें बच्चों को स्कूल भेजने, उनकी पढ़ाई में रुचि लेने, और शिक्षकों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जाता है।
संगोष्ठी के अंतर्गत व्यय एवं प्रबंधन
शारदा संगोष्ठी में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें अभिभावकों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से उन अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण है, जिनके बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं या जो स्कूल छोड़ चुके हैं। इन अभिभावकों को उनके बच्चों को फिर से स्कूल में नामांकित करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
शारदा संगोष्ठी-धनराशि का विवरण
शारदा संगोष्ठी में खर्च की जाने वाली धनराशि का उपयोग विद्यालय गतिविधियों, शिक्षण सामग्री, और बच्चों के विकास से संबंधित कार्यक्रमों के लिए किया जाता है।
शारदा संगोष्ठी का आयोजन और धनराशि का उपयोग
शारदा संगोष्ठी एक ऐसा मंच है जहां बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को एक साथ लाकर शिक्षा के महत्व पर चर्चा की जाती है। इस संगोष्ठी के आयोजन के लिए कुल ₹2305 की धनराशि प्राप्त हुई थी, जिसका उपयोग विभिन्न गतिविधियों और आवश्यकताओं के लिए किया गया।
धनराशि का विवरण
- बैनर: संगोष्ठी के लिए एक आकर्षक बैनर तैयार किया गया, जिस पर शिक्षा के महत्व और संगोष्ठी के उद्देश्य को प्रदर्शित किया गया।
- गुब्बारे: बच्चों के लिए गुब्बारे खरीदे गए, जिनसे संगोष्ठी के माहौल को रंगीन और आनंदमय बनाया गया।
- रंगोली: रंगोली के लिए रंग खरीदे गए, जिससे बच्चों ने संगोष्ठी के दौरान रंगोली बनाई और अपनी कलात्मकता का प्रदर्शन किया।
- नाश्ता: संगोष्ठी में उपस्थित सभी लोगों के लिए समोसे, नमकीन, बिस्कुट और चाय की व्यवस्था की गई।
- पुरस्कार: बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए कॉपी, पेंसिल और कलर बॉक्स जैसे पुरस्कार वितरित किए गए।
क्र.सं. | विवरण | मात्रा | दर (₹) | राशि (₹) |
---|---|---|---|---|
1 | बैनर | 1 | 200 | 200 |
2 | टेंट | 1 | 350 | 350 |
3 | कुर्सी | 50 | 2 | 100 |
4 | गुब्बारे व सजावट का समान | 2 पैकेट | 25 | 50 |
5 | रंगोली के लिए रंग | 2 पैकेट | 25 | 50 |
6 | समोसे | 30 | 10 | 300 |
7 | चाय | 30 | 10 | 300 |
8 | गिलास | 2 पैकेट | 25 | 50 |
9 | पुरस्कार (कॉपी) | 24 | 20 | 480 |
10 | पुरस्कार (पेन) | 24 | 10 | 240 |
11 | शील्ड अभिभावक हेतु | 2 | 92.5 | 185 |
कुल खर्च | 2305 |
शारदा संगोष्ठी के लिए धनराशि का विवरण
शारदा संगोष्ठी के आयोजन के लिए कुल ₹2305 की धनराशि प्राप्त हुई है। इस धनराशि का उपयोग संगोष्ठी के विभिन्न आवश्यकताओं और गतिविधियों के लिए किया गया है। नीचे दी गई टेबल में इस धनराशि के विवरण और खर्च का ब्यौरा दिया गया है:
क्र.सं. | विवरण | राशि (₹) |
---|---|---|
1 | बैनर | 200 |
2 | टेंट | 350 |
3 | कुर्सी | 100 |
4 | गुब्बारे सजावट का समान | 50 |
www.basiceduhub.com | www.basiceduhub.com | www.basiceduhub.com |
5 | रंगोली के लिए रंग | 50 |
6 | समोसे | 300 |
7 | चाय | 300 |
8 | गिलास | 50 |
9 | पुरस्कार (कॉपी) | 480 |
10 | पुरस्कार (पेन) | 240 |
11 | शील्ड अभिभावक हेतू | 185 |
कुल खर्च | 2305 |

क्र.सं. | विवरण | मात्रा | दर (₹) | राशि (₹) |
---|---|---|---|---|
1 | बैनर | 1 | 200 | 200 |
2 | टेंट | 1 | 350 | 350 |
3 | कुर्सी | 50 | 2 | 100 |
4 | गुब्बारे व सजावट का समान | 2 पैकेट | 25 | 50 |
5 | रंगोली के लिए रंग | 2 पैकेट | 25 | 50 |
6 | समोसे | 30 | 10 | 300 |
7 | चाय | 30 | 10 | 300 |
8 | गिलास | 2 पैकेट | 25 | 50 |
9 | पुरस्कार (कॉपी) | 24 | 20 | 480 |
10 | पुरस्कार (पेन) | 24 | 10 | 240 |
11 | शील्ड अभिभावक हेतु | 2 | 92.5 | 185 |
कुल खर्च | 2305 |
यदि आप Out of School Children Stationery Listके बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो कृपया हमारे ब्लॉग को पढ़ें।
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