मैं ही क्यों?” – आर्थर ऐश की जीवन बदल देने वाली कहानी
“मैं ही क्यों?” – आर्थर ऐश की जीवन बदल देने वाली कहानी
एक महान खिलाड़ी की प्रेरक यात्रा
आर्थर ऐश, विंबलडन विजेता और विश्व प्रसिद्ध टेनिस खिलाड़ी, न केवल अपने खेल के लिए बल्कि अपनी जीवनशैली और साहसिकता के लिए भी जाने जाते हैं। 1983 में हृदय की सर्जरी के दौरान संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने के कारण उन्हें एड्स जैसी गंभीर बीमारी हो गई। जब यह खबर सामने आई, तो उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई।
एक प्रशंसक का प्रश्न:
“ईश्वर ने आपको ही इस भयानक बीमारी के लिए क्यों चुना?”
आर्थर ऐश का उत्तर – एक दृष्टिकोण जो जीवन बदल दे
इस प्रश्न के उत्तर में आर्थर ऐश ने लिखा:
दुनिया भर में 5 करोड़ बच्चे टेनिस खेलना शुरू करते हैं।
5 लाख पेशेवर खिलाड़ी बनते हैं।
50 हजार प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं।
5 हजार ग्रैंड स्लैम तक पहुँचते हैं।
50 विंबलडन तक पहुँचते हैं।
4 सेमीफाइनल तक पहुँचते हैं।
2 फाइनल में पहुँचते हैं।
और जीतता केवल एक – और वह मैं था।
जब मैंने विंबलडन का कप उठाया, तब मैंने कभी नहीं पूछा – “मैं ही क्यों?”
तो अब जब मैं पीड़ा में हूँ, तो मैं कैसे पूछ सकता हूँ – “मैं ही क्यों?”
जीवन के महत्वपूर्ण सबक
आर्थर ऐश की यह प्रतिक्रिया हमें सिखाती है कि हमें अपने जीवन की सभी परिस्थितियों को स्वीकार करना चाहिए – चाहे वे सुखद हों या दुखद। उनका दृष्टिकोण हमें यह समझाता है कि सफलता और असफलता दोनों ही जीवन का हिस्सा हैं, और हमें दोनों को समान रूप से स्वीकार करना चाहिए।
जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विचार:
- खुशी आपको मधुर बनाती है।
- परीक्षाएं आपको मजबूत बनाती हैं।
- दुख आपको मानवीय बनाते हैं।
- असफलता आपको विनम्र बनाती है।
- सफलता आपको चमकदार बनाती है।
- आस्था आपको आगे बढ़ाती है।
सोच बदलो, जीवन बदलेगा
आर्थर ऐश की सोच हमें सिखाती है कि जीवन में जो मिले उसे स्वीकार करो, चाहे वो सफलता हो या कठिनाई। जब हम जीत को भगवान का आशीर्वाद मानते हैं, तो क्या हम दुख को भी उसी तरह नहीं स्वीकार सकते?
सकारात्मक सोच ही सबसे बड़ी शक्ति है
यदि हमारी सोच सकारात्मक हो जाए, तो हम हर परिस्थिति में शांति और संतुलन बना सकते हैं।
जीवन एक संघर्ष है, लेकिन…
जीवन में संघर्ष तो है ही, लेकिन अगर हम उस संघर्ष को समझदारी से स्वीकार करें, तो यही संघर्ष हमें मजबूत बनाता है।
“दृष्टिकोण बदलो, जीवन बदल जाएगा।”
निष्कर्ष – हर पाठक के लिए एक संदेश
आर्थर ऐश की कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि हर उस इंसान की है जो जीवन में कठिनाइयों से जूझता है।
सफलता में घमंड ना करें, और संकट में शिकायत ना करें। यही संतुलन और सच्चा जीवन है।
जीवन – एक दृष्टिकोण का विषय
कभी-कभी हम अपने जीवन से असंतुष्ट होते हैं, जबकि दुनिया में कई लोग हमारे जीवन की कल्पना करते हैं।
एक खेत में रहने वाला बच्चा आकाश में उड़ते विमान को देखता है और उड़ने का सपना देखता है।
वहीं, विमान में बैठा पायलट खेत की ओर देखता है और घर लौटने का सपना देखता है।
सरलता से जिएं, आभार व्यक्त करें
आर्थर ऐश की कहानी हमें सिखाती है कि जीवन को सरलता, विनम्रता साथ जीना चाहिए।