TSCT : शिक्षकों के लिए सहयोग और समर्थन का एक अनूठा उदाहरण
दिनांक 02-10-/2024 को TSCT संस्थापक/अध्यक्ष आदरणीय श्री विवेकानंद जी व संस्थापक मंडल द्वारा प्राप्त निर्देश के क्रम में TSCT बुलन्दशहर की ज़िला टीम ने अनूपशहर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बनवारीपुर के सहायक अध्यापक दिवंगत शिक्षक स्व० देवेंद्र सिंह जी के गांव बहेरी खेड़ा स्थित घर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
TSCT : दिवंगत शिक्षक स्व. देवेंद्र सिंह जी की स्मृति में संवेदनशीलता का परिचय
स्वर्गीय देवेंद्र जी टीचर्स सेल्फ-केयर टीम (TSCT) के एक सक्रिय सदस्य थे, और उन्होंने दिवंगत शिक्षकों के परिवारों को निरंतर सहयोग प्रदान किया। दुर्भाग्यवश, 31 मार्च 2024 को उनका अचानक निधन हो गया। उनके परिवार से मिलने के लिए जब हम उनके गांव पहुंचे, तो वहां एक अद्भुत, शांतिपूर्ण उदासी का माहौल था। यह गांव शिक्षक देवेंद्र जी का घर था, जिनका कुछ महीने पहले अचानक निधन हुआ था। यह एक ऐसा क्षण था जिसने हमें शब्दहीन कर दिया, और हम अपनी भावनाओं को काबू में नहीं रख सके। उन्होंने अपने परिवार को एक बेहतर भविष्य का सपना दिखाया था, लेकिन अब वे अपने इकलौते कमाने वाले सदस्य, एक समर्पित शिक्षक को खो चुके थे। यह दौरा सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि उस परिवार के दर्द और संघर्ष को करीब से महसूस करने का एक अवसर था।
परिवार की स्थिति: एक दिल को छू लेने वाली कहानी
बच्चों की मासूमियत और भविष्य की चिंता
जैसे ही हम उस घर के दरवाजे पर पहुंचे, माहौल में एक अजीब सी खामोशी छा गई। चारों ओर बच्चों की मासूम आंखों में खोए हुए सपने और भविष्य की चिंता झलक रही थी। छोटे बच्चे, जिनका भविष्य अब अनिश्चित हो गया है, अपने पिता के जाने के बाद जिंदगी की कड़वी सच्चाई से जूझ रहे थे। आज, TSCT ने उन चार मासूम बच्चों की आँखों में अपने भविष्य के सपनों को देखा, जो अब हर रोज़ अपने पिता की कमी को महसूस कर रहे हैं। वे अपने बचपन में ही एक ऐसी सच्चाई का सामना कर रहे हैं, जिसे शायद ही कोई बच्चा समझ या सह सके। पिता के जाने के बाद उनके सपने अधूरे रह गए हैं।
उनकी माँ, जो अब परिवार का अकेला सहारा हैं, न सिर्फ अपने बच्चों की देखभाल कर रही हैं, बल्कि अपने बीमार सास-ससुर की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं।
बुजुर्ग माता-पिता का दर्द
देवेंद्र जी के पिता, जो अब उम्र के उस पड़ाव पर हैं जहाँ सहारा और समर्थन की सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है, चुपचाप बैठे थे। उनकी आँखों में जो पीड़ा थी, उसे शब्दों में बयां करना शायद नामुमकिन है। उनका चेहरा किसी गहरे शोक में डूबा हुआ था। उनकी माँ, जो अपने आँसू रोकने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन उनके चेहरे की झुर्रियों में छिपा दुःख यह स्पष्ट बता रहा था कि उनके जीवन का सबसे बड़ा सहारा अब उनके साथ नहीं है।
देवेंद्र जी, जो इस परिवार के मुख्य कमाने वाले थे, उनकी अचानक मृत्यु ने परिवार की आर्थिक स्थिति को भी बुरी तरह से हिला दिया है। उनके चार छोटे बच्चे, जो अभी अपने भविष्य के सपने संजोने की उम्र में हैं, अब अपनी माँ के कंधों पर पूरी तरह से निर्भर हो चुके हैं। इस मुश्किल घड़ी में देवेंद्र जी की पत्नी अकेले अपने बच्चों, सास-ससुर और घर की जिम्मेदारियों का बोझ उठाने के लिए मजबूर हैं।
टीम के सभी सदस्य जब उस घर में पहुंचे, तो एक भावनात्मक माहौल ने उन्हें भी गहरे तक प्रभावित किया। बच्चों की मासूमियत, उनकी शिक्षा और भविष्य को लेकर चिंतित माँ, और बुजुर्ग माता-पिता का दर्द सब कुछ जैसे हवा में घुल गया था। यह वह क्षण था जब किसी भी इंसान का दिल पिघल सकता था। बड़े-बड़े सपने देखने वाले ये बच्चे अब हर दिन एक नए संघर्ष से जूझ रहे हैं।
टीएससीटी का योगदान: उम्मीद की किरण
लेकिन ऐसे कठिन समय में, टीएससीटी ने यह साबित कर दिया कि वह सिर्फ एक टीम नहीं, बल्कि एक उम्मीद की किरण है। टीम ने परिवार को मदद का आश्वासन दिया, यह मदद उन सपनों को फिर से जीवित करने की कोशिश थी जो इस परिवार के साथ टूट गए थे। टीएससीटी का यह कदम बच्चों के उज्जवल भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
परिवार के बुजुर्ग माता-पिता के लिए यह समय और भी कठिन है। एक माँ-बाप के लिए सबसे बड़ा दुख तब होता है जब उनका बेटा उनके सामने ही इस दुनिया को छोड़कर चला जाता है। उनके दर्द और आंसुओं को शब्दों में बयां करना नामुमकिन है।
TSCT इस विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है कि शिक्षा का असली अर्थ केवल पढ़ाई नहीं, बल्कि एक दूसरे की मदद करना और सहारा बनना है। यह टीम यह प्रमाणित कर रही है कि शिक्षक अपने जीवन में भले ही दुनिया को छोड़कर चले जाएं, लेकिन उनका योगदान, उनका परिवार, और उनकी ज़रूरतें हमेशा हमारी प्राथमिकता रहेंगी।
आर्थिक सहायता का महत्व
टीएससीटीhttps://basiceduhub.com/a-great-opportunity-tsct/ ने यह साबित किया है कि जब हमारे शिक्षक हमारी मदद करते हैं, तब हम भी उनके परिवार की मदद करने में पीछे नहीं हटेंगे। हमारे सहयोग से, हम एक दूसरे के सपनों को फिर से जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। यह टीम सिर्फ एक समूह नहीं, बल्कि एक परिवार है जो कठिन समय में एक-दूसरे का सहारा बनती है।
बच्चों के भविष्य को संवारने की कोशिश
जब कोई परिवार अपने जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा होता है, तब टीएससीटी की यह पहल उन्हें एक सहारा देने का काम करती है। टीएससीटी टीम केवल एक मददगार नहीं, बल्कि उन टूटे हुए सपनों को फिर से जोड़ने का प्रयास कर रही है।
टीएससीटी का मिशन: समाज के लिए एक संदेश
जब हम एक शिक्षक की मदद करते हैं, तो हम सिर्फ एक परिवार की मदद नहीं कर रहे होते, बल्कि एक पूरे समाज की भविष्य की पीढ़ियों का भविष्य संवारने का प्रयास कर रहे होते हैं। हम सभी को एक साथ मिलकर उन शिक्षकों के सपनों को साकार करने के लिए आगे आना चाहिए, जो हमें अपने ज्ञान और संस्कारों से समृद्ध करते हैं।
इस निरीक्षण में बुलन्दशहर से TSCT टीम के जिला संयोजक ब्रजेश कुमार, जिला प्रवक्ता बिलाल अहमद, जिला सह-संयोजक रविन्द्र कुमार भास्कर, जिला सह-संयोजिका वंदना अग्रवाल, जिला आईटी सेल प्रभारी तुनिश तोमर, अनूपशहर ब्लॉक संरक्षक नरेश कुमार, ब्लॉक संयोजिका मनीषा, अरविंद कुमार (ब्लॉक सह-संयोजक), भूपेंद्र कुमार, त्रिलोक चंद (ब्लॉक सह-संयोजक), पवन कुमार (ब्लॉक मीडिया प्रभारी), गौरव (ब्लॉक सह-संयोजक), राहुल (ब्लॉक सह-संयोजक), विपिन (ब्लॉक आईटी सेल प्रभारी), और होतेंन्द्र राजपूत उपस्थित रहे।