
Parent Teacher Meeting – PTM बच्चों की शैक्षिक प्रगति, अनुशासन, उपस्थिति और समग्र विकास पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इस बैठक के माध्यम से शिक्षक और अभिभावक मिलकर बच्चों की पढ़ाई में सुधार, ड्रॉपआउट कम करने और विद्यालय में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के उपाय तय करते हैं। एक सुनियोजित PTM एजेंडा और सही ढंग से तैयार किए गए मिनट्स ऑफ मीटिंग न केवल बैठक को अधिक प्रभावी बनाते हैं, बल्कि भविष्य की कार्ययोजना बनाने में भी सहायक होते हैं।
अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) का महत्व

अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) केवल औपचारिक संवाद का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समुदाय, शिक्षक और अभिभावकों के बीच साझेदारी और सहभागिता को मज़बूत करने का
विद्यालय केवल पढ़ाई की जगह नहीं, बल्कि बच्चों के सपनों को पंख देने का केंद्र होता है। इस यात्रा में शिक्षक और अभिभावक दोनों ही बराबर के साथी हैं। इसी साझेदारी को और मज़बूत बनाने के लिए विद्यालय में अभिभावक-अध्यापक बैठक अभिभावक–अध्यापक बैठकआयोजित की जाती है।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य है— बच्चों का 100% नामांकन और नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना, ड्रॉप-आउट को कम करना और बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़े रखना। विशेष रूप से उन बच्चों के माता-पिता/अभिभावकों को आमंत्रित किया जाता है जो संभावित या अति संभावित रूप से पढ़ाई छोड़ सकते हैं, ताकि उनकी काउंसलिंग करके समस्या का समाधान किया जा सके।

विद्यालय में अगस्त माह की अभिभावक-शिक्षक बैठक
सत्र 2025-26
इस बैठक का उद्देश्य बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन, उपस्थिति में सुधार, ड्रॉप-आउट को कम करना एवं बच्चों को नियमित विद्यालय भेजने हेतु अभिभावक-शिक्षक बैठक में चर्चा करना है।
क्रम संख्या | चर्चा का बिंदु |
---|---|
1 | बच्चों के नामांकन, उपस्थिति एवं ठहराव के संबंध में चर्चा। |
2 | विभागीय प्राथमिकताओं पर चर्चा:
|
3 | थीम आधारित अभिभावक शिक्षक बैठक के संबंध में निर्देश। |
4 | दीक्षा ऐप पर MIP प्रोजेक्ट के अंतर्गत टास्क पूर्ण किए जाने सम्बंधित निर्देश। |
📄 अभिभावक–अध्यापक बैठक (PTM) – अगस्त 2025-26
एजेंडा (Agenda)
- बच्चों के नामांकन, उपस्थिति एवं ठहराव के संबंध में चर्चा।
- DBT (Direct Benefit Transfer) के संबंध में जानकारी एवं चर्चा।
- निपुण भारत मिशन पर चर्चा।
- ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत मूलभूत अवसंरचना सुविधाओं की जानकारी एवं चर्चा।
- Out of School बच्चों हेतु शारदा कार्यक्रम।
- दिव्यांग बच्चों हेतु समर्थ कार्यक्रम।
- विद्यालय प्रबंध समिति पर चर्चा।
- थीम आधारित अभिभावक–अध्यापक बैठक के संबंध में निर्देश।
- दीक्षा ऐप पर MIP प्रोजेक्ट के अंतर्गत कार्यों के संबंध में निर्देश।
एजेंडा बिंदुओं का विवरण-बैठक में चर्चा-परिचर्चा के बिंदु
1. बच्चों के नामांकन, उपस्थिति एवं ठहराव के संबंध में चर्चा
बैठक से पूर्व अध्यापकों द्वारा अनुपस्थित या अपेक्षाकृत अधिक अनुपस्थित बच्चों की सूची तैयार की जाएगी। इन बच्चों के माता-पिता/अभिभावकों को बैठक में आमंत्रित कर विद्यालय न आने के कारणों पर चर्चा की जाएगी और उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के उपाय सुझाए जाएंगे।
i) बैठक में औपचारिक अनुशासन तथा ड्रॉप-आउट को कम करने के लिए अभिभावकों के साथ चर्चा कर उन्हें प्रेरित किया जाए। साथ ही साथ ऐसे अभिभावकों की काउंसलिंग कर बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
ii) विद्यालय के सूचीबद्ध छात्रों की सूची में चिन्हित कर, उनका विद्यालय में नामांकन, नियमित उपस्थिति एवं ठहराव बढ़ाने हेतु अभिभावकों को प्रेरित किया जाए तथा संभावित एवं अतिसंभावित ड्रॉप आउट बच्चों के अभिभावकों को प्रेरित करने हेतु सक्रिय अभिभावकों का सहयोग लिया जाए।
iii) शिक्षा के महत्व व उपयोगिता पर चर्चा कर माता/पिता/अभिभावकों को बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करना।
iv) समुदाय एवं अभिभावकों को विद्यालय के कार्यक्रमों से जोड़ना तथा उनको गतिविधियों में सम्मिलित करने हेतु प्रेरित करना।
v) प्रत्येक बच्चे के शैक्षिक स्तर एवं अभिवृद्धि के साथ बच्चों की प्रगति और गृह आधारित शिक्षण पर ध्यान देने हेतु अभिभावकों को प्रेरित किया जाए।
2. DBT (Direct Benefit Transfer) के संबंध में जानकारी एवं चर्चा
छात्र–छात्राओं को कुल ₹1200 की धनराशि DBT के माध्यम से अभिभावकों के आधार-लिंक बैंक खातों में भेजी जाती है। इस धनराशि का उपयोग निम्नानुसार है:
- यूनिफॉर्म: ₹300 प्रति जोड़ी × 2 जोड़ी = ₹600
- स्वेटर: ₹200
- जूते–मोज़े: ₹125
- स्कूल बैग: ₹175
- स्टेशनरी: ₹100
अभिभावकों को इस राशि का सही एवं निर्धारित उपयोग करने हेतु प्रेरित किया जाएगा।
3. निपुण भारत मिशन पर चर्चा
अभिभावकों को बच्चों के साथ समय बिताने, शैक्षणिक कार्य पूरा कराने और अभ्यास हेतु प्रेरित करने की सलाह दी जाएगी।
अध्यापक अभिभावकों को दीक्षा ऐप डाउनलोड करने और पाठ्यपुस्तकों में दिए गए QR कोड स्कैन कर सामग्री का उपयोग कराने के लिए प्रेरित करेंगे।
4. ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत मूलभूत अवसंरचना सुविधाओं की जानकारी एवं चर्चा
विद्यालयों में 19 मूलभूत सुविधाएँ जैसे – शुद्ध पेयजल, पृथक शौचालय, वॉशिंग यूनिट, विद्युतकरण, CWSN शौचालय, रैम्प रेलिंग, फर्नीचर, स्मार्ट क्लास इत्यादि की स्थिति पर चर्चा होगी।
विद्यालय की साफ-सफाई और स्वच्छता सामग्री (साबुन, शौचालय क्लीनर, फिनायल, झाड़ू, डस्टबिन आदि) की उपलब्धता एवं उपयोग पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
5. Out of School बच्चों हेतु शारदा कार्यक्रम
6–14 वर्ष के Out of School बच्चों का चिन्हांकन, नामांकन, उपस्थिति एवं ठहराव सुनिश्चित करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी।
संभावित एवं अति संभावित ड्रॉप-आउट बच्चों के माता-पिता को पीटीएम में बुलाकर उनकी काउंसलिंग की जाएगी।
6. दिव्यांग बच्चों हेतु समर्थ कार्यक्रम
दिव्यांग बच्चों का चिन्हांकन, नामांकन एवं आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा प्रदान करने की योजना पर चर्चा होगी।
सुविधाओं में दिव्यांग बालिकाओं हेतु स्थायी Fund गंभीर दिव्यांग बच्चों हेतु एस्कॉर्ट भत्ता एवं आवश्यक उपकरण शामिल होंगे।
समर्थ कार्यक्रम की गतिविधियों और घटनाओं की जानकारी अभिभावकों से साझा की जाएगी।
7. विद्यालय प्रबंध समिति पर चर्चा
विद्यालय प्रबंध समिति के स्वरूप, गठन, कर्तव्य एवं दायित्व पर चर्चा की जाएगी।
हर महीने के पहले बुधवार को होने वाली बैठक की जानकारी दी जाएगी।
विद्यालय विकास योजना के निर्माण में अभिभावकों के सुझाव एवं सहयोग प्राप्त किया जाएगा।
8. थीम आधारित अभिभावक–अध्यापक बैठक के संबंध में निर्देश
“बढ़ते कदम – घर से स्कूल” थीम पर बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें नामांकन, उपस्थिति, शैक्षणिक गतिविधियाँ एवं गृह-आधारित शिक्षण पर चर्चा होगी।
📑 अभिभावक-शिक्षक बैठक की कार्ययोजना
सभी अभिभावकों को निमंत्रण पत्र भेजा जाएगा।
- बैठक में अभिभावकों को विद्यालय व बच्चों के हित में शपथ दिलाई जाएगी।
बैठक की मुख्य गतिविधियाँ
- उपस्थिति दर्ज – सभी अभिभावकों की उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज की जाएगी।
- शैक्षिक जानकारी –
- शैक्षिक गतिविधियों एवं निपुण लक्ष्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
- Holistic Progress Card और निपुणता को स्पष्ट रूप से समझाया जाएगा ताकि अभिभावक अपने बच्चों की प्रगति जान सकें।
- Learning Corner – उदाहरण प्रस्तुत करते हुए घर पर सीखने के माहौल की महत्ता पर चर्चा।
- गृहकार्य में सहयोग –
- बच्चों के गृहकार्य में अभिभावकों की भूमिका समझाई जाएगी।
- Home Based Learning को सरल भाषा में बताया जाएगा।
- बच्चों की प्रगति पर चर्चा –
- प्रत्येक विद्यार्थी के माता-पिता के सामने उनकी एक सकारात्मक बात साझा की जाएगी।
- इससे बच्चे अभिभावकों को अगली बैठकों में आने हेतु प्रेरित करेंगे।
- विद्यालय सुधार हेतु सुझाव –
- स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत विद्यालय को बेहतर बनाने हेतु अभिभावकों से सुझाव लिए जाएंगे।
- सुझावों को अभिलेख में दर्ज किया जाएगा।
- अभिभावकों की अपेक्षित भूमिका –
- बच्चों को नियमित विद्यालय भेजना।
- बच्चों के साथ पढ़ाई का समय निर्धारित करना।
- गृहकार्य में सहयोग करना।
- Home Based Learning को समझना व अपनाना।
- स्कूल चलो अभियान में भागीदारी करना।
- बच्चों की कठिनाइयों को शिक्षकों से साझा करना।
- पिछली तिमाही की उपलब्धियाँ –
- बच्चों की प्रगति, शिक्षकों के प्रयास व अभिभावकों की भागीदारी साझा की जाएगी।
- 90% या उससे अधिक उपस्थिति वाले विद्यार्थियों की सूची प्रस्तुत होगी।
- स्वास्थ्य एवं व्यवहार चर्चा –
- स्वच्छ कपड़े, हाथ धोना, नाखून काटना इत्यादि आदतों की महत्ता बताई जाएगी।
- चित्रों व पोस्टरों की सहायता से समझाया जाएगा कि यह बच्चों के आत्मविश्वास व स्वास्थ्य के लिए कितने महत्त्वपूर्ण हैं।
- सकारात्मक मूल्य एवं अनुशासन –
- सम्मान करना, ध्यानपूर्वक रहना, अनुशासन और नैतिक मूल्यों के महत्व पर चर्चा।
- अभिभावकों को घर पर सकारात्मक वातावरण व अनुशासन बनाए रखने हेतु प्रेरित करना।
- विशेष विषयगत चर्चा –
- गणित व भाषा की प्रगति, गृहकार्य की गुणवत्ता व नियमितता।
- बच्चों की रचनात्मक गतिविधियाँ (चित्रकला, मॉडल, प्रोजेक्ट आदि) अभिभावकों को दिखाना।
- विद्यालय सुधार एवं नामांकन वृद्धि –
- स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत अधिकतम नामांकन सुनिश्चित करने पर बल दिया जाएगा।
- समापन –
- बैठक के अंत में शपथ ग्रहण।
- किसी भी विद्यार्थी की अनुपस्थिति की स्थिति में अभिभावकों को समय पर विद्यालय को सूचित करने हेतु जागरूक करना।
- धन्यवाद ज्ञापन एवं सामूहिक संवाद।

गृह-आधारित शिक्षा पर चर्चा
🏠 गृह आधारित शिक्षा (Home Based Learning)
गृह आधारित शिक्षा का महत्व
बच्चों की शिक्षा केवल विद्यालय तक सीमित नहीं है। घर पर यदि पढ़ाई के लिए सकारात्मक और सहयोगी वातावरण मिले, तो बच्चे की सीखने की क्षमता दोगुनी हो सकती है। गृह आधारित शिक्षा का अर्थ है – घर में एक ऐसा वातावरण तैयार करना जहाँ बच्चा खेल-खेल में पढ़े, अपनी समझ विकसित करे और आनंदपूर्वक सीख सके।
गृह आधारित शिक्षा के 6 सरल चरण
1. स्थान चुनें (Choose a Place)
घर में एक ऐसा कोना चुनें जो साफ-सुथरा, शांत और रोशनी वाला हो। शोरगुल वाले स्थान पर पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करना कठिन होता है। यह कोना केवल पढ़ाई और सीखने का स्थान होना चाहिए।
2. उद्देश्य तय करें (Decide the Purpose)
बच्चे से चर्चा करें कि इस स्थान का उपयोग किन कार्यों के लिए होगा – जैसे पढ़ना-लिखना, चित्र बनाना, किताबें पढ़ना या अन्य रचनात्मक कार्य। इससे बच्चे को पता रहेगा कि यह स्थान केवल सीखने और अभ्यास के लिए है।
3. इसे आनंददायक बनाएँ (Make it Joyful)
दीवार पर चार्ट, पोस्टर या बच्चे की बनाई हुई ड्रॉइंग लगाएँ। बच्चे से पूछें कि वह कौन-सी चीज़ें वहाँ लगाना चाहता है और उसे अपनी पसंद के अनुसार सजाने दें। इससे बच्चा उस स्थान पर समय बिताने के लिए प्रेरित होगा।
4. दिनचर्या को मज़बूत करें (Strengthen the Routine)
बच्चे के लिए एक निश्चित समय-सारणी बनाएँ, जैसे – हर शाम एक घंटा पढ़ाई। समय-सारणी को वहीं चिपकाएँ और नियमितता बनाए रखें। धीरे-धीरे यह उसकी आदत बन जाएगी।
5. बहुउद्देशीय स्थान की योजना बनाएँ (Plan for Multi-functional Space)
इस स्थान को केवल किताबों तक सीमित न रखें। इसमें कला सामग्री, शब्द कार्ड, रंग, पेन, पेंसिल आदि रखें ताकि बच्चा रचनात्मक गतिविधियों में भी शामिल हो सके। यह स्थान पढ़ाई के साथ-साथ सृजनशीलता के लिए भी उपयोगी होना चाहिए।
6. व्यवस्थित बनाए रखें (Keep it Organized)
सभी किताबें और सामग्री (पेंसिल, रबर, स्केच पेन आदि) टोकरी या डिब्बे में रखें ताकि सामान इधर-उधर न बिखरे। वहाँ एक घड़ी भी रखें ताकि बच्चा समय का ध्यान रख सके। इस प्रकार साफ-सुथरा और व्यवस्थित स्थान पढ़ाई में मदद करेगा।
✅ इस प्रकार यदि अभिभावक घर पर गृह आधारित शिक्षा को अपनाएँ, तो बच्चों की पढ़ाई आनंददायक, नियमित और प्रभावी बनेगी।
अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) कार्यक्रम तालिका
समय | गतिविधि / सत्र | विवरण / उद्देश्य |
---|---|---|
9:30 – 10:00 AM | स्वागत और माहौल निर्माण | – अभिभावकों को आत्मीयता से जोड़ना, वातावरण को सकारात्मक व सहभागितापूर्ण बनाना – शिक्षक व बच्चे मिलकर स्वागत करें, उपस्थिति दर्ज हो – थीम आधारित बैनर, पोस्टर, सेल्फी/फोटो कॉर्नर – सजावट: बच्चों की कला, स्लोगन, चार्ट – हल्का नाश्ता |
10:00 – 10:15 AM | उद्घाटन सत्र | – PTM के उद्देश्यों को स्पष्ट करना और अभिभावकों में विश्वास व पारदर्शिता का भाव बनाना। प्रधानाध्यापक द्वारा स्वागत प्रार्थना वर्तमान सत्र की थीम का संक्षिप्त परिचय विद्यालय प्रयासों की झलक |
10:15 – 11:00 AM | कक्षा-वार संवाद | छात्रों की व्यक्तिगत प्रगति पर अभिभावकों से गहराई से बात करना – कक्षा के अनुसार अभिभावकों की बैठक – प्रगति कार्ड, निपुण तालिका, शिक्षक डायरी साझा करना – बच्चे की सकारात्मक बातें अवश्य साझा करें – कमजोरियों पर व्यक्तिगत योजना बनाना, तथा अभिभावकों को घर पर सहयोग के सुझाव देना। |
11:00 – 11:30 AM | थीम आधारित गतिविधियाँ | -थीम को समझाना और इसे घर पर अपनाने के लिए प्रेरित करना Learning Corner के मॉडल Home Learning गतिविधियों का प्रदर्शन स्वास्थ्य,स्वच्छता, व्यवहार पर चार्ट, फ्लैश कार्ड, – छात्रों द्वारा छोटा नाटक – |
11:30 – 12:00 PM | सम्मान और उत्सव | – 90%+ उपस्थिति वाले छात्रों/अभिभावकों की प्रशंसा – जिन घरों में Learning Corner है उन्हें सराहा जाए – बच्चों की गतिविधियों की “गैलरी वॉक” |
12:00 – 12:15 PM | सामूहिक शपथ और समापन | – सामूहिक शपथ (उपस्थिति, जिम्मेदारी, सहयोग, अनुशासन पर आधारित) – HM / वरिष्ठ शिक्षक / SMC सदस्य द्वारा शपथ का नेतृत्व – धन्यवाद ज्ञापन और बैठक का समापन |
शपथ का प्रतिरूप
मैं, ___________ (नाम), अपने बच्चे के माता/पिता के रूप में यह संकल्प लेता/लेती हूँ कि –
- मैं अपने बच्चे की पढ़ाई में पूरा साथ दूँ/दूंगी।
- घर पर पढ़ाई का अच्छा माहौल बनाऊँगा/बनाऊँगी।
- हर दिन उसे स्कूल जाने के लिए प्रेरित करूँगा/करूँगी।
- शिक्षकों से मिलकर उसके विकास की जानकारी लूँगा/लूँगी।
- विद्यालय की बैठकों और गतिविधियों में भाग लूँगा/लूँगी।
- मैं अच्छे व्यवहार से अपने बच्चे के लिए एक अच्छा उदाहरण बनूँगा/बनूँगी।
जय हिंद
जय शिक्षा
बैठक के मिनट्स (Minutes of Meeting – Past Tense Template)
Minutes of the PTM
दिनांक: ________
समय: ________
स्थान: ____________________
अध्यक्ष: ____________________
उपस्थित अभिभावक/शिक्षक: ____________________
- बैठक का एजेंडा पढ़कर सुनाया गया और सूचना पूर्व में अभिभावकों तक पहुँचाई गई।
1. नामांकन, उपस्थिति एवं ठहराव
- अनुपस्थिति/कम उपस्थिति वाले बच्चों की सूची तैयार की गई और अभिभावकों से चर्चा की गई।
- अभिभावकों ने नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने पर सहमति जताई।
2. DBT योजना
- ₹1200 की सहायता हेतु उपयोग के विभिन्न मदों की जानकारी दी गई।
- अभिभावकों को निर्देशित किया गया कि राशि का उपयोग सही ढंग से करें।
3. निपुण भारत मिशन (Theme)
- अभिभावकों को बच्चों के साथ अध्ययन और अभ्यास में सहयोग करने हेतु प्रेरित किया गया।
- दीक्षा ऐप डाउनलोड कर QR कोड स्कैन करने का तरीका समझाया गया।
4. ऑपरेशन कायाकल्प
- अवसंरचना की स्थिति और स्वच्छता सामग्री की उपलब्धता पर चर्चा की गई।
- सुधार हेतु सुझाव और जवाबदेही तय की गई।
5. शारदा कार्यक्रम
- OOSC बच्चों का चिन्हांकन और नामांकन पर चर्चा हुई।
- अभिभावकों ने उपस्थिति सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।
6. समर्थ कार्यक्रम (दिव्यांग बच्चें)
- सुविधा उपलब्धता, उपकरण और एस्कॉर्ट भत्ते की जानकारी दी गई।
- अभिभावकों को योजनाओं में भागीदारी हेतु प्रेरित किया गया।
7. विद्यालय प्रबंध समिति (SMC)
- समिति की भूमिका और गठन पर चर्चा हुई।
- विद्यालय विकास में सुझाव और सहयोग मांगा गया।
8. थीम आधारित बैठक
- “बढ़ते कदम – घर से स्कूल” के अंतर्गत सहयोग और गृह-शिक्षण की रूपरेखा पर चर्चा हुई।
9. दीक्षा ऐप – MIP कार्य
- MIP के ज़रिए तैयारी और समीक्षा की प्रक्रिया समझाई गई।
- बच्चों की शैक्षणिक प्रगति और निपुण लक्ष्यों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की गई। होलिस्टिक प्रगति कार्ड (समग्र मूल्यांकन प्रणाली) की व्याख्या करते हुए शिक्षकों ने अभिभावकों को बच्चों की संपूर्ण विकास रिपोर्ट से अवगत कराया। सीखने के डर को दूर करने हेतु मनोवैज्ञानिक तकनीकों पर चर्चा की गई।
- विद्यार्थियों के माता-पिता के समक्ष उनकी सकारात्मक उपलब्धियों को रेखांकित किया गया। सभी अभिभावकों से अनुरोध किया गया कि वे:
- बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजें
- निर्धारित अध्ययन समय सुनिश्चित करें
- गृहकार्य में सहयोग दें
- होम-बेस्ड लर्निंग गतिविधियों को प्रोत्साहित करें (गृह-आधारित शिक्षा (होम बेस्ड लर्निंग) पर व्यापक चर्चा की गई)
- पिछले तिमाही की उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया गया, जिसमें शिक्षकों के प्रयासों और बच्चों की प्रकृति-आधारित शिक्षण गतिविधियों को शामिल किया गया। 90% से अधिक उपस्थिति वाले विद्यार्थियों की सूची प्रदर्शित कर उन्हें सम्मानित किया गया। स्वच्छता, सकारात्मक मूल्यों और अनुशासन पर गहन चर्चा के साथ-साथ गणित व भाषा शिक्षण की प्रभावी विधियों पर प्रकाश डाला गया। बच्चों की रचनात्मक अभिव्यक्ति (चित्रकला, मॉडल, प्रोजेक्ट आदि) की प्रदर्शनी लगाई गई। अंत में, अभिभावकों को घर में अनुशासन बनाए रखने हेतु प्रेरित किया गया।
अभिभावकों को निम्नलिखित शपथ दिलाई गई
- “मैं अपने बच्चे की पढ़ाई का पूरा सहयोग दूंगा/दूंगी”
- “घर में पढ़ाई का अनुकूल माहौल बनाऊंगा/बनाऊंगी”
- “प्रतिदिन स्कूल भेजने हेतु बच्चे को प्रेरित करूंगा/करूंगी”
- “शिक्षकों से संपर्क कर उसके विकास की जानकारी लेता/लेती रहूंगा”
- “विद्यालय की बैठकों एवं गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी निभाऊंगा/निभाऊंगी”
- “अच्छे व्यवहार से अपने बच्चे के लिए आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करूंगा/करूंगी”
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