News-जानकारी ऑटो अपडेट के साथ

  • सप्ताह में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। इसी तरह से मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। माना जाता है कि अगर आप किसी कार्य की सिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं, तो मंगलवार के दिन हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। वहीं अगर कोई व्यक्ति मांगलिक हैं, तो मंगलवार का दिन मांगलिक लोगों को बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस […]
  • हिंदू धर्म में तिथियों के हिसाब से स्त्रोतों और मंत्रों के पढ़ने के महत्व के बारे में बताया गया है। बताया जाता है कि अगर दिन के हिसाब से किसी भी मंत्र का जाप किया जाए, तो जातक को उत्तम फलों की प्राप्ति होती है। वहीं जो भी व्यक्ति विधिवत रूप से गजेंद्र मोक्ष स्त्रोत का पाठ करता है, उसको जीवन में कभी कोई कष्ट नहीं मिलता है। वहीं धार्मिक […]
  • विगत अंक में हमने बडे़ विस्तार से मंथन किया था, कि कामदेव ने अपनी मृत्यु निश्चित जान कर भी, मात्र लोक कल्याण के लिए देवताओं की सहायता करने की ठानी। वह अपने पूरे प्रभाव के साथ भगवान शंकर की समाधि को भंग करने जा पहुँचा। उसने दूर से देखा, कि भोलेनाथ गहन समाधि में लीन हैं। जिन्हें देखकर किसी का भी मन उनके प्रति सुंदर भावों से भर जाये। लेकिन […]
  • एकादशी का व्रत देवी एकादशी को समर्पित होता है। देवी एकादशी भगवान श्रीहरि विष्णु से उत्पन्न हुई हैं। एकादशी तिथि को भी एकादशी देवी का प्राकट्य हुआ है, उस तिथि को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसलिए जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु ने इनका नाम एकादशी रखा और इनको वरदान दिया कि एकादशी तिथि को व्रत करेगा और श्रीहरि की पूजा करेगा। वह जातक पाप से […]
  • हिंदू पंचांग के हिसाब से हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति के जीवन में परेशानी चल रही है, तो मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की विधिवत रूप से भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए। इससे व्यक्ति की सारी परेशानी खत्म हो जाएगी और […]
  • भगवान भोलेनाथ के अनेक रूप हैं, उन्हीं में से भगवान शिव का एक स्वरूप काल भैरव का है। इन्हें भगवान शिव का उग्र स्वरूप माना जाता है। बता दें कि भैरव का अर्थ भय को हरने वाला होता है। उनका यह स्वरूप काल का स्वामी और सदैव रौद्र रूप में होता है। शिव पुराण के अनुसार, ब्रह्मा, विष्णु और शिव में श्रेष्ठता को लेकर हुए विवाद के बाद काल भैरव […]
  • सनातन धर्म में मंदिर के दर्शन करने का विशेष महत्व माना जाता है। मंदिर में सभी देवी-देवताओं की पूजा करने का तरीका व मान्यताएं अलग-अलग हैं। कई मंदिर बेहद प्राचीन हैं, तो वहीं कई मंदिर प्राचीन होने के साथ अपने साथ रहस्यों को समेटे हुए हैं। वैसे भी भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है। मंदिरों में आपको विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमा या मूर्ति देखने को मिलेंगी। ऐसे में […]
  • संसार की यह बड़ी विडम्बना है, कि वह अति स्वार्थ भाव से भरा है। देवता भी अपने भोगों के संरक्षण हेतु ही, ब्रह्मा जी के समक्ष प्रस्तुत हुए थे। इसके लिए ब्रह्मा जी ने समाधान निकाला, कि कामदेव का सहारा लिआ जाये। उसकी सहायता के बिना यह कार्य संभव प्रतीत नहीं हो रहा है। आदेश हुआ तो कामदेव भी प्रगट हो गए। सभी देवताओं ने दोनों हाथ जोड़ कर कामदेव […]
  • हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर शुक्र प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस बार यह व्रत 13 दिसंबर 2024 को किया जाएगा। इस दिन भगवान भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा करने का विधान है। जो भी व्यक्ति भगवान शिव की पूजा-अर्चना करता है, उसकी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। कहा जाता है कि जो भी […]
  • गीता ही एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी हर साल जयंती मनाई जाती है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। गीता को श्रीमद्भगवद्गीता और गीतोपनिषद के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण के द्वारा अर्जुन को जो उपदेश दिए गए उसे गीता कहा जाता है। गीता के उपदेश में जीवन जीने, धर्म […]
  • चाणक्य कहते हैं—-भस्मना शुध्यते कांस्यं ताम्रमम्लेन शुध्यति ।रजसा शुध्यते नारि नदी वेगेन शुध्यति ।।अर्थ- राख से पीतल चमकता है, ताम्बा इमली से साफ़ होता है. औरतें प्रदर से शुद्ध होती हैं और नदी बहती रहे तो साफ़ रहती है। Meaning- Brass is polished by ashes; copper is cleaned by tamarind; a woman, by her menses; and a river by its flow.नैव पश्यति जन्माधः कामान्धो नैव पश्यति ।मदोन्मत्ता न पश्यन्ति अर्थी दोषं […]
  • सभी को महाकुंभ मेले का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है। करीब 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ का आयोजन यूपी के प्रयागराज में होता है। इस बार साल 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन होगा। इसमें लाखों की संख्या में साधु-संत शामिल होते हैं। मान्यता है कि महाकुंभ में शाही स्नान करने से व्यक्ति को जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है […]
  • आजकल कपल्स के बीच डेस्टिनेशन वेडिंग का चलन अधिक है। डेस्टिनेशन वेडिंग में कपल्स किसी दूसरे खूबसूरत स्थान पर जाकर परिवार की मौजूदगी में शादी करते हैं। शादी का यह तरीका काफी पसंद आ रहा है, लेकिन डेस्टिनेशन वेडिंग अधिक खर्चीला हो सकता है। सामान्य परिवार सेलिब्रिटी की तरह चाहकर भी डेस्टिनेशन वेडिंग नहीं कर पाते हैं। लेकिन भारत में एक ऐसी जगह है, जहां पर आप डेस्टिनेशन वेडिंग के […]
  • सनातन धर्म में महाकुंभ का मेला आस्था और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। हर 12 सालों में चार पवित्र स्थानों पर महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल पौष माह की पूर्णिमा तिथि को महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। इसदिन से शाही स्नान की भी शुरूआत होती है। बता दें कि इस बार साल 2025 में महाकुंभ मेला लगने जा रहा […]
  • सनातन धर्म में मार्गशीर्ष महीने को अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की विशेष रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। माना जाता है कि यदि आप मार्गशीर्ष महीने में भगवान श्रीकृष्ण की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको उनके मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। मार्गशीर्ष महीने में जप-तप करना शुभ फलदायी माना गया है। इसके अलावा इस महीने पवित्र नदियों […]
  • सनातन धर्म में मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि को बेहद उत्तम माना जाता है। इस तिथि को श्रद्धा का कारक माना गया है। अमावस्या का दिन विशेष रूप से श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मार्गशीर्ष अमावस्या पर गंगा स्नान करने और दान-पुण्य करना शुभ होता है। वहीं मार्गशीर्ष अमावस्या पर सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने का विशेष विधान होता है। ऐसे में […]
  • चाणक्य कहते हैं—-नास्ति कामसमो व्याधिर्नास्ति मोहसमो रिपुः ।नास्ति कोपसमो वहि नर्नास्ति ज्ञानात्परं सुखम् ।।अर्थ- वासना के समान दुष्कर कोई रोग नहीं. मोह के समान कोई शत्रु नहीं। क्रोध के समान अग्नि नहीं। स्वरुप ज्ञान के समान कोई बोध नहीं।Meaning- There is no disease (so destructive) as lust; no enemy like infatuation; no fire like wrath; and no happiness like spiritual knowledge.जन्ममृत्युं हि यात्येको भुनक्त्येकं शुभाशुभम् ।नरकेषु पतत्येक एको याति परां […]
  • ब्रह्मपुराण में गोदावरी की महिमा के बारे में बताया गया है। महर्षि गौतम ने शंकर जी की कृपा से पृथ्वी पर इन्हें अवतरित किया। एक पुराण के अनुसार एक ब्राह्मणी योगाभ्यास करते−करते गोदावरी बन गई। गोदावरी पश्चिम घाट त्र्यम्बक पर्वत से निकल कर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। आयुर्वेद के अनुसार इसका जल औषधि है। ब्रह्मपुराण में कहा गया है कि गोदावरी के तट पर हर चार अंगुल […]
  • उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अगले साल जनवरी में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को भव्य बनाने की तैयारियां तेज कर दी हैं। इस दौरान प्रयागराज को आध्यात्म व संस्कृति के मेगा शो केस के तौर संस्कृति ग्राम के रूप में बसाया जाएगा। वहीं 5 एकड़ में बसने वाले इस संस्कृति ग्राम में करीब 45 दिनों तक तमाम आयोजन होंगे। इसमें सनातन परंपरा की झलक देखने को मिलेगी। संस्कृति […]
  • भगवान शिव को देवों के देव महादेव ही नहीं कहा जाता बल्कि उन्हें उनके व्यक्तित्व के कई गुणों की वजह से भी सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। कभी वो सौम्य-शांत है, तो कभी वो अत्यंत क्रोधी। ऐसे में उनके व्यक्तित्व से सीखा जा सकता है कि कैसे जीवन में संतुलन लाना है- नकरात्मकताओं से गुजरते हुए भी सकरात्मक बने रहनापाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने […]

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